Posts

Showing posts from June, 2025

शिव-पार्वती संवाद कथा (भाग 40): सखी द्वारा श्रीराम-लक्ष्मण का प्रथम दर्शन और पुष्पवाटिका-निरीक्षण

Image
सखी द्वारा श्रीराम-लक्ष्मण का प्रथम दर्शन और पुष्पवाटिका-निरीक्षण प्रस्तावना: रामजन्म के अलौकिक कारण 🌟✨ (आप सभी ने इसके पहले के पृष्ठों पर भगवान रामजन्म के 5 कारण पढ़े ,जो शिवजी ने माता पार्वती को सुनाए। इन्हीं कारणों के परिणाम स्वरुप भगवान श्री राम ने अयोध्या में अवतार लिया ।) 📚 पूर्व कथाओं की झलक (पिछले भाग की लिंक) 👉 भाग 13 पढ़ें : राम अवतार का प्रथम कारण (जय-विजय का श्राप) 👉 भाग 14 पढ़ें : राम अवतार का दूसरा कारण (वृंदा का श्राप) 👉 भाग 15 पढ़ें : राम अवतार का तीसरा कारण (नारद अभिमान) 👉 भाग 24 पढ़ें : राम अवतार का चौथा कारण (मनु-शतरूपा तप)  👉 भाग 29 पढ़ें : राम अवतार का पाँचवाँ कारण (प्रतापभानु कथा) ⭐ अहल्या उद्धार के बाद श्रीराम का महाराज जनक की नगरी मिथिला में प्रवेश 🚶‍♂️ गोस्वामी जी लिखते हैं— चले राम लछिमन मुनि संगा । गए जहाँ जग पावनि गंगा ॥ गाधिसूनु सब कथा सुनाई । जेहि प्रकार सुरसरि महि आई ॥  (भगवान ने माता अहल्या जी को मोक्ष दिया और लक्ष्मणजी एवं मुनि विश्वामित्रजी के साथ आगे बढ़े। । वे वहाँ पहुँचे, जहाँ जगत को प...

गोस्वामी तुलसीदास जी का परिचय

Image
 🌺 गोस्वामी तुलसीदास जी का परिचय : 👶 जन्म और माता-पिता : भक्तिकालीन युग एवं राम भक्ति शाखा के महान कवि गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म संवत् १५५४की श्रावण शुक्ला सप्तमी को उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के राजापुर नामक गाँव में हुआ था इनके पिताजी का नाम आत्माराम दुबे और माता का नाम हुलसी था।  12 महीने तक अपनी माता के गर्भ में रहने के पश्चात तुलसीदास जी का जन्म हुआ। जन्म के समय वे रोए नहीं थे बल्कि उनके मुख से 'राम-राम ' शब्द निकला और इनके मुख में 32 दाँत थे ।देखने में भी 5 साल के बच्चे की तरह इनका शरीर था । इस अद्भुत बालक को देखकर उनके माता-पिता ने किसी अनहोनी की आशंका के कारण इनका परित्याग कर दिया। इन्हें अपनी दासी चुनियाँ को सौंप दिया। उसके बाद इनकी माता का देहांत हो गया।  🧒 पालन-पोषण : इस प्रकार पाँच साल तक तो इनका पालन-पोषण चुनियाँ ने किया किन्तु वह भी एक दिन इस दुनिया को छोड़कर चली गई । चुनियाँ के चले जाने से वे अनाथ हो गए । वे यहाँ-वहाँ भटकने लगे । माता पार्वती को पाँच साल के अनाथ बालक पर दया आयी और वे ब्राह्मणी का वेष धारणकर प्रतिदि...

श्रीरामचरितमानस ग्रंथ का परिचय एवं महिमा

Image
  📚 श्रीरामचरितमानस ग्रंथ का परिचय एवं महिमा : श्री गणेशाय नमः, श्री सरस्वत्यै नमः       श्री परमात्मने नमः, श्री जानकीवल्लभौ विजयते      श्री राम कथा रस रसिक प्रभु ,शंभू नाथ हनुमान ।      प्रेम सहित प्रभु सुनहु , राम कथा गुणगान ।।            ।। सियावर रामचंद्र भगवान जय ।।      ।।श्री सतगुरु देव भगवान की जय।। 🔹 इस ग्रंथ की विशेषताएँ : यह ग्रंथ श्रीराम के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का सरल, सुगम और सारगर्भित वर्णन करता है। इसमें बालकाण्ड से लेकर उत्तरकाण्ड तक के विभिन्न प्रसंगों को क्रमबद्ध ढंग से प्रस्तुत किया गया है " श्री राम की कथा " भारतीय संस्कृति और धर्म का अमूल्य रत्न है।  श्रीसियारामकथा  के माध्यम से हम भगवान  श्रीराम  के जीवन की उन घटनाओं को सरल, भावनात्मक और प्रेरक ढंग से प्रस्तुत कर रहे हैं जो आज भी हर मनुष्य को  मर्यादा, कर्तव्य और धर्म  का मार्ग दिखाती हैं।  श्रीरामचरितमानस , जिसे  गोस्वामी तुलसीदास जी  ने अवधी भाषा में रचा, न केवल...