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Showing posts from October, 2025

शिव-पार्वती संवाद कथा (भाग 40): सखी द्वारा श्रीराम-लक्ष्मण का प्रथम दर्शन और पुष्पवाटिका-निरीक्षण

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सखी द्वारा श्रीराम-लक्ष्मण का प्रथम दर्शन और पुष्पवाटिका-निरीक्षण प्रस्तावना: रामजन्म के अलौकिक कारण 🌟✨ (आप सभी ने इसके पहले के पृष्ठों पर भगवान रामजन्म के 5 कारण पढ़े ,जो शिवजी ने माता पार्वती को सुनाए। इन्हीं कारणों के परिणाम स्वरुप भगवान श्री राम ने अयोध्या में अवतार लिया ।) 📚 पूर्व कथाओं की झलक (पिछले भाग की लिंक) 👉 भाग 13 पढ़ें : राम अवतार का प्रथम कारण (जय-विजय का श्राप) 👉 भाग 14 पढ़ें : राम अवतार का दूसरा कारण (वृंदा का श्राप) 👉 भाग 15 पढ़ें : राम अवतार का तीसरा कारण (नारद अभिमान) 👉 भाग 24 पढ़ें : राम अवतार का चौथा कारण (मनु-शतरूपा तप)  👉 भाग 29 पढ़ें : राम अवतार का पाँचवाँ कारण (प्रतापभानु कथा) ⭐ अहल्या उद्धार के बाद श्रीराम का महाराज जनक की नगरी मिथिला में प्रवेश 🚶‍♂️ गोस्वामी जी लिखते हैं— चले राम लछिमन मुनि संगा । गए जहाँ जग पावनि गंगा ॥ गाधिसूनु सब कथा सुनाई । जेहि प्रकार सुरसरि महि आई ॥  (भगवान ने माता अहल्या जी को मोक्ष दिया और लक्ष्मणजी एवं मुनि विश्वामित्रजी के साथ आगे बढ़े। । वे वहाँ पहुँचे, जहाँ जगत को प...

शिव-पार्वती संवाद कथा (भाग 34)रामजन्म प्रसंग (भाग 2) जन्मोत्सव

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 रामजन्म प्रसंग (भाग 2) जन्मोत्सव:  प्रस्तावना: रामजन्म के रहस्यमयी कारण 🌟✨ (आप सभी ने इसके पहले के पृष्ठों पर भगवान रामजन्म के 5 कारण पढ़े ,जो शिवजी ने माता पार्वती को सुनाए। इन्हीं कारणों के परिणाम स्वरुप भगवान श्री राम ने अयोध्या में अवतार लिया ।) 👉 भाग 13 पढ़ें : राम अवतार का प्रथम कारण (जय-विजय का श्राप) 👉 भाग 14 पढ़ें : राम अवतार का दूसरा कारण (वृंदा का श्राप) 👉 भाग 15 पढ़ें : राम अवतार का तीसरा कारण (नारद अभिमान) 👉 भाग 24 पढ़ें : राम अवतार का चौथा कारण (मनु-शतरूपा तप)  👉 भाग 29 पढ़ें : राम अवतार का पाँचवाँ कारण (प्रतापभानु कथा) अयोध्या में जन्मोत्सव का आनंद 🎉 भगवान राम के जन्म लेने की खुशी पूरी अयोध्या में ही नहीं अपितु घर-घर में श्रीराम जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। घर-घर बधाई गाई जा रही है । ऐसा लग रहा है कि मानो भगवान ने उनके ही घर में जन्म लिया है।  अयोध्या में चारों ओर धूम मची  है । अयोध्या का यह आनंद महोत्सव देखते ही देखते चार गुना बढ़ गया ।  रहस्य: एक मास तक दिन ही रहा! 🌞 आप लोगों को ...

शिव-पार्वती संवाद कथा (भाग 33)रामजन्म प्रसंग (भाग 1) भगवान का प्राकट्य

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 रामजन्म प्रसंग (भाग 1) भगवान का प्राकट्य:  प्रस्तावना: रामजन्म के रहस्यमयी कारण 🌟✨ (आप सभी ने इसके पहले के पृष्ठों पर भगवान रामजन्म के 5 कारण पढ़े ,जो शिवजी ने माता पार्वती को सुनाए। इन्हीं कारणों के परिणाम स्वरुप भगवान श्री राम ने अयोध्या में अवतार लिया ।) 👉 भाग 13 पढ़ें : राम अवतार का प्रथम कारण (जय-विजय का श्राप) 👉 भाग 14 पढ़ें : राम अवतार का दूसरा कारण (वृंदा का श्राप) 👉 भाग 15 पढ़ें : राम अवतार का तीसरा कारण (नारद अभिमान) 👉 भाग 24 पढ़ें : राम अवतार का चौथा कारण (मनु-शतरूपा तप)  👉 भाग 29 पढ़ें : राम अवतार का पाँचवाँ कारण (प्रतापभानु कथा) जन्म का शुभ समय और वातावरण🌸 गोस्वामी जी लिखते हैं — जोग लगन ग्रह बार तिथि सकल भए अनुकूल। चर अरु अचर हर्षजुत राम जनम सुखमूल॥  चैत्र मास ,शुक्ल पक्ष, नवमी तिथि, दिन मंगलवार और दोपहर के समय अयोध्या में शीतल ,मंद ,सुगंधित हवाएँ बहने लगी । पुष्प खिल गए। सुगंधित वातावरण हो गया । योग, लग्न, ग्रह, वार और तिथि सभी अनुकूल हो गए। चर (चेतन) और अचर (जड़)  सब प्रसन्न हो गए। क्योंक...

शिव-पार्वती संवाद कथा (भाग 32)रामजन्म का प्रारंभ (भाग 2)

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 रामजन्म का प्रारंभ (भाग 2)  प्रस्तावना: रामजन्म के रहस्यमयी कारण 🌟✨ (आप सभी ने इसके पहले के पृष्ठों पर भगवान रामजन्म के 5 कारण पढ़े ,जो शिवजी ने माता पार्वती को सुनाए। इन्हीं कारणों के परिणाम स्वरुप भगवान श्री राम ने अयोध्या में अवतार लिया ।) 👉 भाग 13 पढ़ें : राम अवतार का प्रथम कारण (जय-विजय का श्राप) 👉 भाग 14 पढ़ें : राम अवतार का दूसरा कारण (वृंदा का श्राप) 👉 भाग 15 पढ़ें : राम अवतार का तीसरा कारण (नारद अभिमान) 👉 भाग 24 पढ़ें : राम अवतार का चौथा कारण (मनु-शतरूपा तप) 👉 भाग 25 पढ़ें : राम अवतार का पाँचवाँ कारण (प्रतापभानु कथा)   अब गोस्वामी तुलसीदास जी कथा को लेकर अयोध्या पहुँचे । — (भगवान शंकर माता पार्वती को रामकथा सुना रहे हैं) महाराज दशरथ का परिचय:रघुकुल के मणि गोस्वामी जी लिखते हैं — अवधपुरी रघुकुल-मनि राऊ ।वेद विदित तेहि दसरथ नाऊ।। धरम-धुरंधर गुन-निधि ज्ञानी।हृदय भगति मति सारंग-पानी।।  भगवान शंकर माता पार्वती से कहते हैं— "देवी! रघुकुल के मणि ,जिनका नाम महाराज दशरथ है।वेद बताते हैं...

शिव-पार्वती संवाद कथा (भाग 31)रामजन्म का प्रारंभ (भाग 1)

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 रामजन्म का प्रारंभ (भाग 1)  प्रस्तावना: रामजन्म के रहस्यमयी कारण 🌟✨ (आप सभी ने इसके पहले के पृष्ठों पर भगवान रामजन्म के 5 कारण पढ़े ,जो शिवजी ने माता पार्वती को सुनाए। इन्हीं कारणों के परिणाम स्वरुप भगवान श्री राम ने अयोध्या में अवतार लिया ।) 👉 भाग 13 पढ़ें : राम अवतार का प्रथम कारण (जय-विजय का श्राप) 👉 भाग 14 पढ़ें : राम अवतार का दूसरा कारण (वृंदा का श्राप) 👉 भाग 15 पढ़ें : राम अवतार का तीसरा कारण (नारद अभिमान) 👉 भाग 24 पढ़ें : राम अवतार का चौथा कारण (मनु-शतरूपा तप) 👉 भाग 25 पढ़ें : राम अवतार का पाँचवाँ कारण (प्रतापभानु कथा) ब्रह्मवाणी: देवताओं का आनंदोत्सव 🙏🎉 भगवान की ब्रह्मवाणी सुनकर सभी देवतागण प्रसन्न होकर आनंदपूर्वक आपस में चर्चा करने लगे । ब्रह्मा जी ने देवताओं से कहा— "भगवान हम सबके लिए जन्म लेंगे। इसलिए उनके स्वागत के लिए हम सबको सर्वप्रथम पृथ्वी लोक पर जाना चाहिए। देवताओं का रूप: शक्ति का संकल्प ⚔️🔥 कौन-से देव किस रूप में प्रभु की सहायतार्थ जाएँगे,  यह निर्धारित हुआ— सबसे पहले शं...

शिव-पार्वती संवाद कथा (भाग 30)याज्ञवल्क्य–भारद्वाज संवाद: रावण का अत्याचार एवं देवताओं द्वारा स्तुति

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 रावण का अत्याचार एवं देवताओं द्वारा स्तुति  प्रस्तावना: कथा का महत्व : 👉जानकारी के लिए स्पष्ट किया जा रहा है — श्रीरामचरितमानस जी को समझने के लिए कथा के प्रारंभ से जुड़े रहना चाहिए । तभी श्रीराम जी के चरित्र की कथा का पूर्ण रूप से आनंद प्राप्त होगा । याज्ञवल्क्य-भारद्वाज संवाद : भगवान श्रीराम जी के चरित्र की कथा श्री याज्ञवल्क्य मुनि , भारद्वाज मुनि जी को सुना रहे हैं — 👉 'याज्ञवल्क्य-भारद्वाज-संवाद' पूरा प्रसंग पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें ।    रावण का अत्याचार: धर्म की ग्लानी ⚔️ गोस्वामी जी लिखते हैं —   बाढ़े खल बहु चोर जुआरा। जे लंपट परधन परदारा॥ मानहिं मातु पिता नहिं देवा। साधुन्ह सन करवावहिं सेवा॥ अर्थात पराए धन और पराई स्त्री पर मन चलाने वाले, दुष्ट, चोर और जुआरी बहुत बढ़ गए। लोग माता-पिता और देवताओं को नहीं मानते थे और साधुओं की सेवा करना तो दूर रहा, उल्टे उनसे सेवा करवाते थे ।   जिन्ह के यह आचरन भवानी। ते जानेहु निसिचर सब प्रानी॥ अतिसय देखि धर्म कै ग्लानी। परम सभीत धरा अकुलानी॥  श्री शिवजी कहते हैं कि —   हे भवानी ! जिनके ऐसे आ...

शिव-पार्वती संवाद कथा (भाग 29)याज्ञवल्क्य–भारद्वाज संवाद: प्रतापभानु की कथा 5

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 प्रतापभानु की कथा  (भाग-5)  प्रस्तावना: कथा का महत्व : 👉जानकारी के लिए स्पष्ट किया जा रहा है — श्रीरामचरितमानस जी को समझने के लिए कथा के प्रारंभ से जुड़े रहना चाहिए । तभी श्रीराम जी के चरित्र की कथा का पूर्ण रूप से आनंद प्राप्त होगा । याज्ञवल्क्य-भारद्वाज संवाद : भगवान श्रीराम जी के चरित्र की कथा श्री याज्ञवल्क्य मुनि , भारद्वाज मुनि जी को सुना रहे हैं — 👉 'याज्ञवल्क्य-भारद्वाज-संवाद' पूरा प्रसंग पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें ।    प्रतापभानु ने अपने एकछत्र अकण्टक राज्य के लिए कपटी मुनि से उपाय पूछा । कपटी मुनि का उपाय: रहस्यमयी योजना ⚔️  कपटी मुनि ने उपाय बताया — हाँ, एक उपाय बहुत सहज है, परन्तु उसमें भी एक कठिनाई है। मैं तुम्हारे नगर में नहीं जा सकता। क्योंकि आज तक मैं किसी के घर अथवा गाँव नहीं गया । मैं यदि रसोई बनाऊँ और तुम उसे परोसो और मुझे कोई जानने न पावे, तो उस अन्न को जो-जो खाएगा, सो-सो तुम्हारा आज्ञाकारी बन जाएगा । हे राजन्! जाकर यही उपाय करो और वर्षभर (भोजन कराने) का संकल्प कर लेना । नित नूतन द्विज सहस सत बरेहु सहित परिवार। मैं तुम्हरे...