शिव-पार्वती संवाद कथा (भाग 40): सखी द्वारा श्रीराम-लक्ष्मण का प्रथम दर्शन और पुष्पवाटिका-निरीक्षण
अगस्त्य मुनि से रामकथा सुनने के बाद रामचंद्र जी की भक्ति अगस्त्य मुनि को वरदान स्वरूप देकर भगवान शिव सती माता के साथ वापस आकाश मार्ग से कैलाश की ओर चले ।
यह बात त्रेता युग की है और भगवान राम का जन्म भी त्रेता युग में हुआ है।
यहाँ यह बात स्पष्ट हो जाती है कि जिस समय भगवान शिव राम कथा सुनने हेतु गए थे, उस समय भगवान श्रीराम अवतार ले चुके थे और वे 14 वर्ष के वनवास में थे। भगवान राम भैया लक्ष्मण और सीता माता के साथ उसी दंडकारण्य में पंचवटी में थे ।
और जिस दिन भगवान शिव जी आकाश मार्ग से कथा श्रवण करके जा रहे थे, उसी दिन रावण पंचवटी से सीता माता को हर कर ले जा चुका था । राम जी और लक्ष्मण जी रो-रो कर सीता माता को वन में ढूंढ रहे हैं।
शिवजी आकाश मार्ग से जाते-जाते सोच रहे हैं:
"ह्रदय विचारत जात हर , केहि विधि दर्शन होउ।
गुप्तरूप अवतरेउ प्रभु, गए जानि सब कोउ ।।"
शिवजी मन में विचार करते हुए जा रहे हैं कि जिन राम जी की कथा मैं अभी-अभी सुनकर आ रहा हूँ; वे मेरे राम जी इस समय लीला कर रहे हैं पृथ्वी पर अवतार लेकर । यदि उनके दर्शन हो जाते ! कैसे दर्शन होगा मेरे प्रभु का ? जा कर के दर्शन कर लिया जाए ! नहीं-नहीं, मेरे राम जी गुप्त रूप से लीला कर रहे हैं । अगर मैं चला गया तो सब लोग जान जाएँगे कि ये भगवान हैं।
भगवान राम, शिव जी की मनःस्थिति समझ गए और मन ही मन कहने लगे — “आप नहीं आ सकते मुझसे मिलने, किंतु मैं तो आ सकता हूँ जहाँ आप हैं।”
और भगवान श्रीराम भैया लक्ष्मण जी के साथ बाबा को दर्शन देने पहुँच गए।
"शंभु समय तेहि रामहि देखा । उपजा हिय अति हरष बिसेखा।।
भरि लोचन छवि सिन्धु निहारी ।कुसमय जानि ना कीन्ह चिन्हारी ।।"
भगवान राम को देखकर शिव गदगद हो उठे —
“सच्चिदानंद भगवान आपकी जय हो!”
दर्शन करके शिव जी माता सती के साथ आगे बढ़ गए। (धर्म कहता है , यदि पिता या पति किसी को प्रणाम करते हों तो बिना किसी प्रश्न के पुत्र/पुत्री/पत्नी को भी प्रणाम कर लेना चाहिए)
किन्तु यहाँ सती माता को भ्रम हुआ —
“क्या ये भगवान हो सकते हैं? भगवान भी क्या पत्नी के लिए रोते हैं?”
उन्होंने सोचा — ये तो साधारण मनुष्य हैं!
मेरे शिव जी को तो संसार प्रणाम करता है किंतु एक साधारण मनुष्य को उन्होंने सच्चिदानंद कहा!
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Jai shree ram
ReplyDeleteअद्भुत है भगवान राम की लीला और आदि देव शिवशंकर की महिमा। जय हो परात्पर सच्चिदानन्द ब्रह्म की🙏🙇
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ReplyDeleteJai Shree Ram 🙏
ReplyDeleteJai shree Ram
ReplyDeleteJai shree ram
ReplyDeleteRamramjee✨️✨️✨️✨️
ReplyDeleteजय श्री राम
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